What is the difference between Sher and Shayari | शेर और शायरी में क्या अंतर होता है?

 

शेर और शायरी में क्या अंतर होता है?

उर्दू और हिंदी साहित्य में शेर और शायरी दोनों ही अत्यंत लोकप्रिय विधाएँ हैं। अक्सर लोग इन दोनों को एक ही मान लेते हैं, लेकिन इनके बीच महत्वपूर्ण अंतर होता है। यदि आप शेर और शायरी के बीच के इस अंतर को जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।


What is the difference between Sher and Shayari


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शेर क्या होता है?

शेर उर्दू कविता की सबसे छोटी इकाई होती है। यह एक स्वतंत्र इकाई होती है, जिसका अर्थ स्वयं में पूर्ण होता है। एक शेर दो पंक्तियों (मिसरों) से मिलकर बनता है, जिन्हें हम 'मतला' और 'मक़ता' कहते हैं। शेर के दो मिसरे एक ही विषय या भावना को दर्शाते हैं और उसमें एक गहरी बात छिपी होती है।


शेर के प्रकार

  1. मतला (मतला शेर) – यह ग़ज़ल का पहला शेर होता है जिसमें दोनों मिसरों में रदीफ और काफिया का प्रयोग होता है।

  2. मकता (मकता शेर) – यह ग़ज़ल का अंतिम शेर होता है जिसमें शायर अपना नाम या तखल्लुस (उपनाम) शामिल करता है।

  3. हुस्न-ए-मतला – यह ग़ज़ल का वह शेर होता है जो दूसरे या तीसरे स्थान पर होता है लेकिन मतला के नियमों का पालन करता है।

  4. ग़ैर मतला शेर – यह ग़ज़ल का कोई भी अन्य शेर हो सकता है जो मतला नहीं होता।


उदाहरण: “ग़ालिब हमें न छेड़ कि फिर जोश-ए-अश्क़ से,
बैठे हैं हम तहिय्या-ए-तूफ़ाँ किए हुए।”

यह शेर मिर्ज़ा ग़ालिब का है, और यह अकेले ही एक पूर्ण विचार को व्यक्त कर रहा है।


शायरी क्या होती है?

शायरी, जिसे ग़ज़ल, नज़्म, रुबाई आदि के रूप में जाना जाता है, कई शेरों का समूह होती है। जब कई शेर मिलकर एक पूरी रचना का निर्माण करते हैं, तब उसे शायरी कहा जाता है। शायरी में शेर एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं या स्वतंत्र भी हो सकते हैं।


शायरी के प्रमुख प्रकार:

  1. ग़ज़ल – इसमें कई शेर होते हैं, जिनका हर शेर स्वतंत्र होता है, लेकिन रदीफ और काफिया का पालन किया जाता है।

  2. नज़्म – यह एक विषय पर आधारित कविता होती है, जिसमें शेर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।

  3. रुबाई – चार पंक्तियों की कविता होती है, जिसमें पहला, दूसरा और चौथा मिसरा तुकांत होता है।

  4. मसनवी – यह लम्बी कविता होती है, जिसमें प्रेम, वीरता, आध्यात्मिकता जैसे विषयों पर लिखा जाता है।

  5. क़सीदा – यह किसी की प्रशंसा में लिखी जाने वाली कविता होती है।


What is the difference between Sher and Shayari




उदाहरण: “कोई उम्मीद बर नहीं आती,
कोई सूरत नज़र नहीं आती।”_

यह ग़ज़ल का एक हिस्सा है, जिसमें कई शेर होते हैं, और वे एक साथ मिलकर एक भावना को प्रकट करते हैं।


शेर और शायरी में मुख्य अंतर


विशेषताशेरशायरी
परिभाषादो पंक्तियों का एक स्वतंत्र काव्यात्मक रूपकई शेरों का समूह
अर्थहर शेर का स्वतंत्र अर्थ हो सकता हैपूरी शायरी का एक विशिष्ट विषय हो सकता है
संरचनामात्र दो मिसरों से बनी होती हैकई शेरों से मिलकर बनी होती है
प्रकारएक ही शेर ग़ज़ल, नज़्म या रुबाई का हिस्सा हो सकता हैग़ज़ल, नज़्म, रुबाई, क़सीदा आदि शायरी के रूप होते हैं
स्वायत्तताशेर अकेले भी प्रभावी हो सकता हैशायरी एक संपूर्ण रचना होती है
शैलीसंक्षिप्त और प्रभावशालीविस्तृत और क्रमबद्ध





निष्कर्ष

शेर और शायरी दोनों ही साहित्यिक अभिव्यक्ति के रूप हैं, लेकिन इनका दायरा और संरचना अलग-अलग होती है। शेर अपनी जगह पूर्ण होता है, जबकि शायरी कई शेरों का समूह होती है। शेर संक्षिप्त और तीखा होता है, जबकि शायरी एक विस्तृत रचना होती है जिसमें एक या अधिक शेरों को जोड़कर एक विषय पर गहराई से विचार किया जाता है।


यदि आप शेर और शायरी के प्रेमी हैं, तो इनके बीच के इस अंतर को समझना आपके लिए उपयोगी साबित होगा। साथ ही, यह जानना भी दिलचस्प होगा कि शेर संक्षिप्त होते हुए भी गहरी भावनाएँ प्रकट कर सकते हैं, जबकि शायरी एक सम्पूर्ण विचार को अभिव्यक्त करती है।


क्या आपको शायरी पसंद है? अपने पसंदीदा शेर कमेंट में साझा करें!


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